About Us
Our History
सरस्वती शिशु मंदिर सारंगपुर में दिनांक 2 जुलाई सन 984 को शाजापुर जिले के महंत स्वामी विद्यानन्द जी महारा के करकमलों द्वारा कालीसिंध नदी के तट पर स्थित बजरंग व्यायाम शाला में शुभारंभ किया गया। बजरंग व्यामाशाला में उस समय रात्रिकाल के समय बच्चों एवं नगर वासियों को जाने में डर लगता था। एकांत जगह थी। चारों तरफ जंगल जैसा वातावरण था। बजरंग व्यायामशाला में पहलवान लोग प्रातः एवं सायं जाकर व्यायाम करते थे। उस समय विद्यालय प्रात: समय पर लगाया जाता था। बच्चों की संख्या 80 के लगभग थी। पहलवान लोगों को आपत्ति थी कि बच्चे व्यायामशाला के
अंदर गन्दगी कर देते हैं। गन्दगी केसाथ-साथ उनके मन में भय था कि कहीं शिशु मंदिर चलाने के नाम पर कब्जा न कर ले। इसी डर के कारण पहलवान के अध्यक्ष श्री मिट्टूलाल जी चौहान बार-बार आचार्य परिवार को व्यायामशाला खाली करने को कहते थे। उस समय दादा श्री रतन सिंह जी पटवा का नाम नगर में चलता था। जब पहलवानों को पता चला कि दादा भी शिशु मंदिर व्यायाम शाला में लगाने के पक्ष में हैं तो सभी ने विरोध बन्द कर दिया। सभी शिशु मंदिर को सहयोग करने लगे।



Vision & Values
विद्यालय प्रधानाचार्य श्री मोहन जी नागर ने भी विद्यालय को सुचारू रूप से चलाने में काफी सहयोग प्रदान किया था। प्रथम कार्यवाहिनी में नगर के गणमान्य नागरिकों को जोड़ा गया जो संघ से जुड़े थे। उन्होंने व्यायाम शाला पर विद्यालय को गति प्रदान की। जब विद्यालय की संख्या बढ़ती नजर आई तो उन्होंने स्वयं व्यायाम शाला के नीचे वाले भाग की साफ-सफाई करना प्रारंभ कर दी और काफी मशक्कत मेहनत का परिणाम था कि नीचे क्रा भाग मैदान में बदल गया। तब सर्वप्रथम कार्यकारिणी के प्रथम उपाध्यक्ष स्व. श्री सरदारी लाल जी भल्ला द्वारा अपनी माता की स्मृति द्वारा स्वयं के खर्चे से 2 कमरे बनाए. गए। नीचे कक्षाएं लगने लगी उस समय आचार्य दीदी का वेतन 0 रु रोज था। 300रु. मासिक वेतन पर आचार्य दीदी सेवा देते थे। श्रीमतीश्यामा बाई उस समय भृत्य के रुप में 90 रुपये मासिक वेतन पर कार्यकरती थीं जो आज भी विद्यालय में “साफ-सफाई का कार्य करती है।’
Our Teachers
हमारे सरस्वती शिशु विद्या मंदिर के शिक्षक गण एवं उनके पद,

HEMANT DIXIT
Principal

Mahendra Pal Singh Umath
Head Master

Basant Sharma
Accountant/Clerk

Harish Solanki
Teacher

Anil Barkiya
Director/Adhyaksh

Rajendra Patwa
The Admin/Vyavsthapak
30K
Success Stories
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Courses
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Happy Students
34+
Years Experience